भारत के दस महान क्रिकेटर जिन्होंने इतिहास बदल दिया
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इस ब्लॉग के माध्यम से मै आप सभी को दुनियाँ भर की अनसुनी और अद्भुत बातें को बताने वाला हूँ और मेरा हरेक आर्टिकल रैंकिंग रिलेटेड टॉपिक को कवर करेगा जिससे आप सभी का सामान्य ज्ञान के साथ साथ वर्तमान ज्ञान भी मजबूत होगा ।।
आशा करता हूँ की हमारा मेहनत आपको जरूर पसंद आएगा ।।
क्रिकेट राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई देशों द्वारा पर खेला जाने वाला एक पेशेवर स्तर का आउटडोर खेल है। इस बाहर खेले जाने वाले खेल में 11 खिलाड़ियों की दो टीमें होती है। क्रिकेट तब तक खेला जाता है जब तक 50 ओवर पूरे न हो जाए। हालाँकि 18वीं शताब्दी के दौरान इसका विकास इंग्लैंड के राष्ट्रीय खेल के रुप में हुआ।
वैसे तो हरेक खेल का अपना अपना अलग अलग महत्व है लेकिन मैं क्रिकेट का दीवाना हूँ, जब मेरा पढ़ाई चल रहा था उस वक्त तो प्रति दिन संध्या बेला में खेलने जाता था अपने गावँ के स्कूल के मैदान में,उस दिन को जब भी याद करता हूँ तो गावँ का याद तजा हो जाता है, अब तो सिर्फ क्रिकेट T.V. में देख के संतुष्ट होना पड़ता है लेकिन आज भी जब कभी बल्ला पकड़ता हूँ तो विरोधी टीम धो देता हूँ ।।
आज मै ऐसे ही भारत के धुरंदर क्रिकेटर के बारे में बताने वाला हूँ तो आइये जानते हैं उनके बारे में ।।
10. जहीर खान
ज़हीर खान (मराठी: ज़हीर खान) (जन्म: ७ अक्तुबर १९७८ श्रीरामपुर, महाराष्ट्र में) एक भारतीय क्रिकेट खिलाड़ी हैं। वे मुख्यतः उनकी गेंदबाज़ी के लिए जाने जाते हैं। दाएँ हाथ से बल्लेबाज़ी और बाएँ हाथ से मध्यम तेज़ गति की गेंदबाज़ी करते हैं।
जहीर खान का जन्म एक मध्यम वर्गीय परिवार से थे। उनके पिता फोटोग्राफर और मां टीचर थीं। अपनी शुरुआती पढ़ाई हिंद सेवा मंडल न्यू मराठी प्राइमरी स्कूल और उसके बाद केजे सोमैया सेकेंड्री स्कूल से की थी। जहां जहीर खान ने नेशनल क्रिकेट क्लब के शुरुआती 2 सत्रों के हर मुकाबलों में भाग लिया ।।

9. अनिल कुंबले
अनिल कुंबले ने 132 टेस्ट मैच की 236 पारियों में 619 विकेट लेकर टीम इंडिया के सबसे सफल गेंदबाज बने हुए हैं। 271 एकदिवसीय मैच की 265 पारियों में 337 विकेट लेने का गौरव भी उनके नाम है। अनिल कुंबले नवंबर 2007 से भारतीय क्रिकेट टीम के १ वर्ष तक कप्तान भी रहे।

कुंबले एक टीम मैन थे, जो टीम के लिए हर परिस्थिती में खेलने के लिए तैयार रहते थे और टीम की जीत में योगदान देते रहते थे। कुंबले उन तीन स्पिन गेंदबाजों में से एक हैं, जिन्होने टेस्ट क्रिकेट में 600 से ज्यादा विकेट अपने नाम किए है। कुंबले ने अपने करियर में खेले 132 टेस्ट मैचों की 236 पारियों में कुल 619 विकेट अपने नाम किए।
8. हरभजन सिंह
हरभजन सिंह प्लाहा (जन्म: ०३ जुलाई १९८०, जालन्धर, पंजाब) भारत के अन्तरराष्ट्रीय क्रिकेट खिलाडी हैं। वे इंडियन प्रिमियर लीग के चेन्नई सुपर किंग्स तथा पंजाब राज्य क्रिकेट टीम (2012-13) के भूतपूर्व कप्तान भी हैं। वे स्पिन गेंदबाजी में निपुण हैं और टेस्ट मैचों में ऑफ-स्पिनर द्वारा सर्वाधिक विकेट लेने वाले दूसरे स्पिनर हैं।

हरभजन टेस्ट में 417 और वनडे में 239 विकेट ले चुके हैं। हरभजन सिंह ने अपनी गेंदबाजी के बारे में बात करते हुए सबसे पहले ऑस्ट्रेलियाई दिग्गज रिकी पोंटिंग का नाम लिया। उन्होंने 2001 में ऑस्ट्रेलिया के भारत दौरे के वक्त विश्व के महान बल्लेबाज रिकी पोंटिंग को 5 बार आउट किया था।
7. राहुल द्रविड़
राहुल द्रविड़ पहले कप्तान हैं जिनके नेतृत्व में भारत ने दक्षिण अफ्रीका को दक्षिण अफ्रीका की धरती पर टेस्ट मैच में हरा दिया। वे भारत से तीसरे कप्तान थे जिन्होंने इंग्लेंड में टेस्ट श्रृंखला जीती। यह उपलब्धि 21 साल के बाद हासिल हुई।

राहुल द्रविड़ विश्व कप 1999 में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज थे। द्रविड़ ने टेस्ट क्रिकेट में कुल 31258 गेंदों का सामना किया। द्रविड़ ने अपने 164 टेस्ट मैचों में 163 टेस्ट मैच भारत के लिए खेले हैं, एक टेस्ट मैच उन्होने आईसीसी विश्व इलेवन के लिए खेला था जिसमें द्रविड़ ने 0 और 23 का स्कोर बनाया था।
6. रवि शास्त्री
रविशंकर जयदृथ शास्त्री (जन्म ; २७ मई १९६२,मुंबई, महाराष्ट्र, भारत) एक भारतीय पूर्व क्रिकेट खिलाड़ी खेल कमेंटेटर और वर्तमान भारतीय क्रिकेट टीम के मुख्य कोच है। इन्होंने अपने क्रिकेट कैरियर में धीमी गति के गेंदबाज और बल्लेबाज की भूमिका निभाई है।

उन्होंने करियर की शुरुआत 10वें नंबर के बल्लेबाज के तौर पर की थी और जल्द ही वह ओपनर बन गए। उन्होंने क्रिकेटर के तौर पर भारत को तमाम सीरीजें जितवाईं।
5. कपिल देव्
कपिल देव् मलाल निखंज (जन्म ६ जन्वरी १९५९) भारत के पूर्व क्रिकेट खिलाड़ी हैं। भारत के सर्वश्रेष्ठ क्रिकेट खिलाड़ियों में उनकी गणना होती है। वे भारतीय क्रिकेट के कप्तान के पद पर रह चुके हैं। १९८३ के क्रिकेट विश्वकप में वे भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान थे और उनके नेतृत्व में टीम ने विश्वकप जीतने का गौरव प्राप्त किया।

पूर्व क्रिकेटर और भारतीय कप्तान कपिल देव् अपनी सेहत को लेकर कई दिनों से चर्चा में बने हुए हैं. दरअसल भारत को पहला विश्व कप जिताने वाले कप्तान कपिल देव् की बीते 23 अक्टूबर को सफल इमरजेंसी कोरोनरी-एंजियोप्लास्टी हुई थी. दो दिन बाद 25 अक्टूबर को उन्हें अस्पताल से छुट्टी मिल गई थी।।
4. सौरव गांगुली
सौरव गांगुली का पूरा नाम सौरव चंडीदास गांगुली है. इनका जन्म 8 जुलाई 1972 को कोलकाता के एक संभ्रांत बंगाली परिवार में हुआ था. सौरव के पिता चंडीदास गांगुली की गिनती कोलकाता के रईस लोगों में होती थी. फिर उनका रुतबा और जीवनशैली ऐसा थी कि लोग उन्हें ‘महाराजा’ के नाम से पुकारते थे.

भारतीय क्रिकेट टीम के इतिहास में सबसे कामयाब कप्तानों में से एक रहे सौरव गांगुली की शानदार बल्लेबाजी के क्या कहने. दादा के नाम से मशहूर गांगुली की कप्तानी में टीम इंडिया को बहुत सी जीत मिलीं.
3. विराट कोहली
विराट कोहली (जन्म: ०५ नवम्बर १९८८) भारतीय क्रिकेट टीम के वर्तमान में तीनों प्रारूपों के कप्तान हैं।कोहली ने मलेशिया में २००८ अंडर – १९ विश्व कप में भारत को अपनी कप्तानी में जीत दिलाई और कुछ महीने बाद, १९ साल की उम्र में श्रीलंका के खिलाफ भारत के लिए अपने वनडे क्रिकेट में पदार्पण किया।

भारतीय क्रिकेट टीम के वर्तमान में तीनों प्रारूपों के कप्तान हैं। उन्होंने २०११ में टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया और २०१३ तक ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका में टेस्ट शतक के साथ उन्होंने “ओडीआई स्पेशलिस्ट” का टैग पाया।।
2. रोहित शर्मा
रोहित गुरूनाथ शर्मा (जन्म: ३० अप्रैल १९८७) एक अंतरराष्ट्रीय स्तर के भारतीय क्रिकेट टीम के खिलाड़ी है। इनका जन्म नागपुर, महाराष्ट्र में हुआ था। रोहित शर्मा क्रिकेट इतिहास में पहले ऐसे बल्लेबाज है जिन्होंने वनडे क्रिकेट में तीन दोहरे शतक, ट्वेन्टी-२० अंतरराष्ट्रीय में तीन शतक है।

30 अप्रैल, 1987 में महाराष्ट्र के नागपुर में गुरुनाथ शर्मा के घर जन्म लेने वाले रोहित शर्मा का बचपन संघर्ष से भरी दास्तां है। पिता एक निजी फर्म में केयर टेकर और मां पूर्णिमा हाउसवाइफ थीं। रोहित जब डेढ़ साल के थे तब पिता परिवार के साथ डोंबिवली में एक कमरे के घर में शिफ्ट हो गए। रोहित के छोटे भाई का नाम विशाल शर्मा है।
1 . सचिन तेंदुलकर
क्रिकेट के भगवान मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर, 24 अप्रैल, 1973 को सचिन तेंदुलकर का जन्म मुंबई के एक राजापुर सारस्वत ब्राह्मण परिवार में हुआ था. सचिन के पिता रमेश तेंदुलकर मराठी भाषा के एक प्रतिष्ठित उपन्यासकार और संगीतकार सचिन देव बर्मन के बहुत बड़े प्रशंसक थे, इसीलिए उन्होंने सचिन को उनका नाम दिया था.

तेंदुलकर १६० टेस्ट मैचों में भी अब तक १५००० रन बना चुके हैं। और इस तरह उनके नाम पर अन्तर्राष्ट्रीय क्रिकेट में ३०,००० से ज्यादा रन और १०० शतक दर्ज़ हैं। उन्होंने विश्व चैंपियन टीम के खिलाफ ६० मैच में ३,००० से ज्यादा रन ठोंके जिसमें ९ शतक और १५ अर्धशतक शामिल हैं। सचिन ने २००३ के वर्ल्ड कप में रिकॉर्ड ६७३ रन बनाए थे।
तो ये हैं हमारे देश के १० सबसे बुलंद खिलाडी जिन्होंने क्रिकेट खेल में इतिहास बदल दिया और हमारे देश का नाम शिखर तक ले गया, मै दीपक कुमार मिश्रा, अंतर्राष्ट्रीय खेल खेलने बाले सभी खिलाडियों को प्रणाम करता हूँ और आशा करता हूँ की वो ऐसे ही हमारे देश का नाम रौशन करते रहे।।
आशा करता हूँ की आपको हमारा ये पोस्ट पढ़ के अच्छा लगेगा।

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धयवाद
हर हर महादेव